शिष्टाचार किसे कहते हैं ?

कुटुंब में क्या-क्या सीखा जा सकता है? लोक-व्यवहार, जिसको शिष्टाचार कहते हैं, अनेक स्तर के लोगों के साथ में अनेक प्रकार के व्यवहार कैसे किये जा सकते हैं, इसको आप छोटी प्रयोगशाला में देख सकते हैं। कोई बच्चे गड़बड़ी भी फैलाते हैं; कोई बात भी हो जाती है; कोई नाराज भी हो जाता है। नाराज हुए आदमी को समझाया कैसे जाना चाहिए और मनाया कैसे जाना चाहिए? गड़बड़ी पैदा करने वाले आदमियों के साथ सहस्रों के साथ में टेढ़ी आँख कैसे करनी चाहिए? उनको धमकाना कैसे चाहिए?अपनी नाराजगी जाहिर कैसे करनी चाहिए? ये बातें आप कुटुंब में रह करके सीख सकते हैं। बाहरवाले लोगों के साथ में सीखेंगे तो गड़बड़ी फैल जाएगी और झगड़े खड़े हो जाएँगे और आपको आदमी तलाश करने पड़ेंगे। फिर बार-बार चक्कर कैसे काटेंगे उनके पास अथवा वो कैसे आपके पास आएँगे? इसका अच्छा तरीका और सहज तरीका यही है कि अपने कुटुंब में आप अपने आप के कई वो बातें सीखें और सारे कुटुंब को वो बातें सिखाएँ, जो आदमी के मानवीय गुणों के साथ में संबद्ध हैं।
पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य
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