चंडीगढ़-पंचकूला से पधारे एयर मार्शल श्री राकेश कुमार रण्याल जी एवं कर्नल मोहन जी ने देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार का भ्रमण किया।

अपने इस भ्रमण के दौरान दोनों ही महानुभावों ने विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी से भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय के शैक्षिक, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की जानकारी प्राप्त की तथा विश्वविद्यालय द्वारा समाजोत्थान हेतु किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।
श्री रण्याल जी एवं श्री मोहन जी ने देव संस्कृति विश्वविद्यालय की पहल को राष्ट्र निर्माण की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए इसके कार्यों की प्रशंसा की और उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं।
Recent Post

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 63): प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
जो...
.jpg)
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 62) प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
&l...

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 61)— प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
चर...

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 60)— प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
गु...
.jpg)
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 59)— प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
गु...
_(1).jpg)
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 58)— प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
उत...

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 57)— प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
सत...
.jpeg)
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 56)— प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
पि...
.jpg)
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 55)— प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
प्...
.jpg)