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Magazine - Year 1999 - Version 2

Media: TEXT
Language: HINDI
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जन हितैषी मनुष्य (Kahani)

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First 22 24 Last
डॉक्टर सर टामस रो ने बादशाह शाहजहाँ की लड़की का इलाज किया और इसके प्रत्युपकार में शाहजहाँ ने मनचाहा इनाम माँगने के लिए कहा। सर टाँमर रो ने अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए कुछ न माँगकर इंग्लैंड से आने वाले माल पर से चुंगी हटाने की माँग की, जो स्वीकार कर ली गई। इससे इनाम माँगने वाले का व्यक्तिगत लाभ तो कुछ न हुआ, पर उनके देश से बिना चुंगी चुकाए वह माल भारत में सस्ता बिकने लगा, उससे उनके देश का व्यापार बढ़ा और वे इस देश पर अपना राजनैतिक वर्चस्व जमा सकने योग्य सामर्थ्यवान हो गए। इंग्लैंड मालामाल और शक्तिवान हो गया। सर टामस रो अपने देश का सच्चा और अच्छा नागरिक था। उसने अपने लाभ को पीछे रखकर पूरे समाज का हित चाहा और किया। अवश्य ही उसने सोचा होगा कि कोई जमीन-जायदाद अथवा धन-संपदा माँग लेने पर केवल एक उसका ही जीवन सुखी हो सकता है, जिसको कुछ दिन भोगने के बाद उसे छोड़ना ही पड़ेगा और यदि वह किसी सार्वजनिक हित की माँग करता है, तो उससे उसके सम्पूर्ण समाज को लाभ होगा तथा अपने पूरे समाज के साथ वह भी तो सुखी होगा। कितना दिव्य और कितना दूरदर्शी विचार था उसका। उसके व्यक्तिगत सुख के उस त्याग ने उसके सारे देश को सुखी एवं सम्पन्न बना दिया। किसी अच्छे और सच्चे नागरिक का यही तो लक्षण होता है कि वह अपने संकीर्ण लाभ का त्याग कर जन-हित की दृष्टि से सोचना और आचरण करता है। धन्य हैं ऐसे जन हितैषी मनुष्य।

First 22 24 Last


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