
आदरणीय प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या जी का लिथुआनिया आगमन | मारिजामपोल में हुआ वैदिक यज्ञ का भव्य आयोजन
यूरोप प्रवास के अंतर्गत देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी लिथुआनिया के मारिजामपोल (Marijampolė) नगर पहुँचे, जहाँ भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार हेतु एक विशेष वैदिक यज्ञ का आयोजन संपन्न हुआ। इस अवसर ने बाल्टिक क्षेत्र में भारतीय आध्यात्मिक परंपराओं के विस्तार को एक नई दिशा प्रदान की।
यह यज्ञ शांति, सौहार्द एवं पर्यावरणीय संतुलन जैसे सार्वभौमिक मूल्यों को समर्पित रहा। प्राचीन वैदिक विधि-विधानों के अनुसार संपन्न इस यज्ञ में स्थानीय समुदाय, आध्यात्मिक साधकगण एवं संस्कृति-प्रेमी नागरिकों ने श्रद्धा एवं उत्साहपूर्वक भाग लिया। मंत्रोच्चार, आहुतियाँ एवं साधना के माध्यम से वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से आलोकित हो उठा।
यह आयोजन ‘ वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना को साकार करते हुए वैश्विक समुदाय को सनातन धर्म के मूल्यों—एकता, आंतरिक शांति एवं प्रकृति-संतुलन—से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। लिथुआनिया सहित सम्पूर्ण यूरोपीय क्षेत्र में वैदिक संस्कृति एवं भारतीय अध्यात्म के प्रति निरंतर बढ़ती रुचि को दृष्टिगत रखते हुए आगामी समय में भी अनेक आयोजनों की योजना बनाई जा रही है।
इस पावन अवसर पर आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी ने अपने प्रेरणाप्रद उद्बोधन द्वारा उपस्थित जनसमूह को भारतीय ज्ञान परंपरा, यज्ञ के वैज्ञानिक महत्व एवं मानवीय उत्थान में उसकी भूमिका से अवगत कराया। उनके सान्निध्य ने सम्पूर्ण आयोजन को विशेष गरिमा प्रदान की।