108 कुण्डीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ की पूर्णाहुति के अवसर पर आगमन एवं प्रेरक उद्बोधन
राजस्थान प्रवास के अगले चरण में अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रतिनिधि आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी 27 दिसंबर को सेपटपुरा, धवली पहुंचे और उन्होंने 108 कुण्डीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ की पूर्णाहुति के अवसर पर उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को संबोधित किया।
अपने उद्बोधन में डॉ. पंड्या जी ने कहा कि यह महायज्ञ केवल एक आध्यात्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि समाज और व्यक्तित्व के भीतर सकारात्मक ऊर्जा, चेतना और समर्पण के विकास का अद्भुत माध्यम है। उन्होंने विशेष रूप से उल्लेख किया कि 2026 वर्ष परम वंदनीया माता जी की जन्म शताब्दी एवं अखंड दीप की शताब्दी का है। परम पूज्य गुरुदेव - वंदनीया माता जी और अखंड दीपक के आदर्शों से हमें निरंतर प्रेरणा मिलती है।
डॉ. पंड्या जी ने सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे इस पावन महायज्ञ में पूर्ण श्रद्धा, भक्ति और समर्पण के साथ भाग लें तथा माता जी और पूज्य गुरुदेव के आदर्शों के अनुरूप अपने जीवन में आध्यात्मिक जागृति, सेवा भाव और निष्ठा का संवर्धन करें। उनके प्रेरक शब्दों ने सभी के हृदयों को आलोकित किया और उन्हें आत्मिक सशक्तिकरण एवं सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में प्रेरित किया।
