उत्तराखंड ने यूसीसी लागू कर देश के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया- मुख्यमंत्री

वर्तमान समय की मांग है समान नागरिक संहिता- डॉ. चिन्मय पण्ड्या
समान नागरिक संहिता के जनजागरूकता हेतु सभी शिक्षण संस्थान में विशेष पहल की शुरुआत देसंविवि से
उत्तराखंड ने यूसीसी लागू कर देश के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया- मुख्यमंत्री
वर्तमान समय की मांग है समान नागरिक संहिता- डॉ. चिन्मय पण्ड्या
समान नागरिक संहिता के जनजागरूकता हेतु सभी शिक्षण संस्थान में विशेष पहल की शुरुआत देसंविवि से
हरिद्वार 3 मई।
उच्च शिक्षा विभाग एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में अखंड भारत रू समान नागरिक संहिता के परिप्रेक्ष्य में नागरिक कर्तव्य पर कार्यशाला का आयोजन देसंविवि के मृत्युंजय सभागार में किया गया। इस कार्यशाला का उद्घाटन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत जी एवं देसंविवि के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या ने संयुक्त रूप से किया। समान नागरिक संहिता को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से इस कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री पुष्कर सिंह धामी जी ने कहा कि समान नागरिक संहिता किसी धर्म और पंथ के खिलाफ नहीं बल्कि समाज में समानता एवं समरसता लागू करने का एक सफल प्रयास है। इसमें सभी धर्म, जाति, लिंग आदि का भेद-भाव मिटाकर सभी को समान कानूनी अधिकार प्रदान किया गया है। इसके माध्यम से अब कोई महिला अपने उत्तराधिकार से वंचित नहीं होगी। उन्होंने कहा कि यूसीसी लागु कर उत्तराखंड ने देश के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया, जिस प्रकार मां गंगा देवभूमि उत्तराखंड से निकलकर पूरे भारत को पवित्र करती है, उसी प्रकार यूसीसी उत्तराखंड की भूमि से निकलकर पूरे भारत में लागू होगा। उन्होंने कहा कि अखिल विश्व गायत्री परिवार ज्ञान और संस्कार की छाया दे रहा है। यहां आध्यात्मिक चेतना के साथ ही राष्ट्र निर्माण की चेतना प्रवाहित होती है। उन्होंने कहा कि युवाओं का कर्तव्य है कि यूसीसी के विषय में भ्रांति फैलाने वालों को रोके एवं यूसीसी के सही पहलुओं को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करें। उन्होंने यूसीसी में सभी परिवारों का पंजीकरण करवाने के लिए प्रेरित किया।
देसंविवि के प्रतिकुलपति युवा आईकॉन डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि वर्तमान समय की मांग है सच्चे मन से नागरिक कर्त्तव्यों को निर्वहन। भारत की एकता, अखंडता एवं समता के लिए प्रत्येक नागरिकों को अपने जिम्मेदारियों को ईमानदारी के साथ पालन करना ही चाहिए। तभी भारत सहित संपूर्ण विश्व का जागरण संभव है। युवा आइकान ने कहा कि अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि परम पूज्य पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने सन 1962 में युग निर्माण सत्संकल्प में नागरिक कर्तव्यों के पालन एवं समान नागरिकता की सूत्र सभी जनमानस को दिए, जिसे उन्होंने नवयुग का संविधान के रूप में प्रतिपादित किया है। इस सत्संकल्प में 18 सूत्र हैं।
उच्च शिक्षा मंत्री श्री धन सिंह रावत जी ने कहा कि समान नागरिक संहिता के जनजागरूकता हेतु सभी शिक्षण संस्थान में विशेष पहल की शुभारंभ देसंविवि से हो रहा है। उन्होंने कहा कि पूरे उत्तराखंड में 12 सरकारी विश्वविद्यालय एवं 25 निजी विश्वविद्यालय हैं, जिसमें 5 लाख से अधिक विद्यार्थी हैं, इसमें 62 प्रतिशत लड़कियां है। सभी युवाओं में यूसीसी की समझ विकसित करने हेतु आने वाले 100 दिनों में 40 एक दिवसीय कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा।
इससे पूर्व अतिथियों ने शौर्य दीवार में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर अखंड भारत के लिए सैनिकों के बलिदान को याद किया। प्रतिकुलपति ने मुख्यमंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री एवं सभी सम्मानित अतिथियों का गायत्री महामंत्र लिखित चादर, युगसाहित्य, प्रतीक चिह्न आदि भेंटकर सम्मानित किया। युवा आइकान एवं अतिथियों ने विवि द्वारा संपादित कई पत्रिकाओं आदि का विमोचन किया। इस अवसर पर यूसीसी आधारित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को प्रमाण पत्र देकर मंचासिन अतिथियों ने सम्मानित किया।
इस दौरान उच्च शिक्षा सचिव डॉ रणजीत सिन्हा, यूसीसी ड्राफ्ट समिति के सदस्य श्री मनु गौड़, दून विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. सुरेखा डंगवाल, राज्य सलाहकार समिति, आपदा प्रबंधन विभाग के उपाध्यक्ष श्री विनय रूहेला, शांतिकुंज व्यवथापक श्री योगेन्द्र गिरि, कुलपति श्री शरद पारधी सहित स्थानीय प्रशासन के अधिकारीगण, देसंविवि-शांतिकुंज परिवार, मीडिया कर्मी, गणमान्य नागरिक, देसंविवि के सभी विद्यार्थिगण उपस्थित रहें।
कार्यशाला में समान नागरिक संहिता से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विभिन्न सत्रों का आयोजन किया गया। जिसमें यूसीसी ड्राफ्ट समिति के सदस्य श्री मनु गौड एवं दून विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने विद्यार्थियों को यूसीसी के सभी महत्वपूर्ण कानून एवं नागरिक कर्तव्यों को विस्तार पूर्वक बताया। अनेक विद्यार्थियों के प्रश्नों का समाधान भी उन्होंने दिया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी अपने सहयोगियों के साथ शांतिकुंज पहुंचकर अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुखद्वय डॉ. प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैलजीजी से भेंट कर आर्शीवाद लिया, साथ ही विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श किया। प्रमुखद्वय ने मुख्यमंत्री एवं उनके सहयोगियों को युगसाहित्य एवं पीतवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया।
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