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Magazine - Year 1957 - Version 2

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धर्म प्रेमियों के सराहनीय प्रयत्न

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First 19 21 Last
बड़गाँव (गोंडा) में एक विशद् यज्ञ ता.25 जून से 27 जून तक हुआ जिसमें कस्बे के हजारों स्त्री-पुरुष प्रतिदिन भाग लेते रहे। बाहर से भी बहुत सारे गायत्री प्रेमी पधारे थे। सर्वश्री धर्मचंद जी ए.एम.ई. (गोण्डा), केदारनाथ वैश्य, रामबली सिंह, गौती प्रसाद श्रीवास्तव (बहराइच), बुद्धिलालजी एम.एल.ए. (नानपरा) का सहयोग सराहनीय रहा। बारह-तेरह महात्मा भी बाहर से पधारे थे उनमें से श्री सर्वदानंद जी (चित्रकूट) का भाषण गायत्री-महिमा पर काफी प्रभावशाली हुआ। स्वामी रामानंद जी का व्याख्यान भी बड़ा आकर्षक हुआ। यज्ञ सकुशल समाप्त हो गया।

-रामसेवक त्रिपाठी

सुसनेर (म.प्र.) में गायत्री मंदिर स्थापित करने का कार्य द्रुतगति से चल रहा है। मंदिर की व्यवस्था होते ही उसमें पुस्तकालय भी खोला जायेगा। ता. तीस जून को श्री कन्हैयालाल दुबे के घर पर गायत्री यज्ञ बड़ी श्रद्धा के साथ किया गया। ज्यों−ही हवन की पूर्णाहुति होकर कार्यक्रम समाप्त हुआ कि श्री दुबेजी की पत्नी की माध्यमिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने की सूचना प्राप्त हुई। दुबे जी ने प्रतिज्ञा की कि बिना 24 गायत्री जप किये भोजन न करेंगे। इनकी पत्नी ने गायत्री चालीसा का पाठ करने की प्रतिज्ञा की।

-कैलाश नारायण

कस्बा डिवाई (बुलंदशहर) में स्वामी ब्रह्मस्वरूप जी की प्रेरणा से सवालक्ष आहुतियों का यज्ञ ता. 27, 28 जून व 1-2 जुलाई को 9 कुँडों की यज्ञशाला में श्री ओम प्रकाश जी गुप्ता द्वारा विधि पूर्वक संपन्न हुआ। इस अवसर पर बरेली से श्री चिम्मनलाल सूरी व उनकी पत्नी श्रीमती सुलोचना सूरी भी पधारे थे और उन्होंने बहुत परिश्रम करके यज्ञ को सफल बनाया। गायत्री परिवार के मंत्री की धर्मपत्नी शाँतिदेवी और श्रीमती सुलोचना ने घर-घर जाकर माताओं को यज्ञ का महत्व बतलाया और उसमें भाग लेने को प्रोत्साहित किया। इनका प्रयत्न सराहनीय रहा। इसी प्रकार श्री चिम्मनलाल जी सूरी, श्री ज्वाला प्रसाद जी शर्मा, श्री राम चंद्र जी बजाज पंजाबी (डिबाई निवासी), श्री कृष्णालाल जी बजाज पंजाबी, श्रीराम प्रकाश जी ने कड़कड़ाती दोपहरी में डिबाई की दुकान-दुकान व घर-घर जाकर पुरुषों को प्रोत्साहित किया। इस आयोजन को सफल बनाने में श्री मेघराज जी, श्री जिंदल तथा कुबेर काटन के मैनेजर आदि का सहयोग भी सराहनीय रहा। गायत्री तपोभूमि मथुरा से आये हुए आचार्यों ने बिना कुछ व्यय लिये समस्त काम विधि पूर्वक सम्पन्न कराया और इस प्रकार यह सामूहिक आयोजन बड़ी सुँदरता से पूरा हो सका।

-हरीशंकर गौड़

गालिबपुर (बुलंदशहर) में ता.9, 10, 11 जुलाई को 5 कुँडों की यज्ञशाला में स्वामी ब्रह्मस्वरूपजी (नगला मेवा जिला अलीगढ़) की व्यवस्था से यज्ञ कराया गया, जिसमें गायत्री तपोभूमि का धार्मिक दिखाया गया और 40 नवीन गायत्री उपासक बनाये गये। यह यज्ञ भी पं. ज्वाला प्रसाद के आचार्यत्व में संपन्न हुआ।

-हरीशंकर गौड़

व्यावर का गायत्री पुस्तकालय उन्नति कर रहा है। शीघ्र ही उसमें अधिक पुस्तकें मँगाकर रखने की व्यवस्था की जा रही है। इसके द्वारा पूरे अजमेर प्राँत में प्रचार किया जायेगा। गुरु पूर्णिमा को विशेष धूमधाम से उत्सव मनाया गया जिसमें अनेक विद्वानों के महत्वपूर्ण भाषण हुए। शीघ्र ही यहाँ महिला मंडल की भी स्थापना की जा रही है।

-मोहनलाल शर्मा

छिबरामऊ (फर्रुखाबाद) में ता. 9 से 11 तक एक सामूहिक यज्ञ बड़ी धूमधाम से किया गया। यह एक ऐसी भूमि थी जहाँ इस प्रकार का धर्म प्रचार का कार्य सफल होना अत्यंत कठिन जान पड़ता था। पर गायत्री माता की कृपा से सब कार्य बड़ी सुँदरता से संपन्न हो गये। बाहर से भी कई सज्जन पधारे थे।

-कृष्णा कुमारी

सिवनी मालवा (होशंगाबाद) की शाखा की तरफ से एक सामूहिक यज्ञ 27 से 29 मई तक नर्मदा नदी के किनारे आँवली घाट पर हुआ। इस कार्य में स्कूल इंस्पेक्टर पं. बैजनाथ शर्मा, कृपारामजी आर्य, राम गोपाल जी तिवारी, प्रेमदास जी आदि भक्त पुरुषों ने सराहनीय सहयोग दिया। यज्ञ में लगभग एक सहस्र रु. व्यय हुआ और पूर्णाहुतियों के समय 1500 जनता ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में चतरखेड़ा, खरिया, पगढाल, भैरोंपुर और भिलाडिया की शाखाओं ने भी भाग लिया था।

-पं. गोवर्धन भट्ट

खूँटी(राँची) में गायत्री सामूहिक यज्ञ आषाढ़ कृष्ण 11 को किया गया जिसमें खूँटी व परंडा के सभी गायत्री उपासकों ने भाग लिया।

-छेदी भगत

तूँगा (जयपुर) में गायत्री जयंती (गंगा दशहरा) के अवसर पर 22 ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य बालकों का सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार किया गया, उसका समाचार गत मास की पत्रिका में प्रकाशित हो चुका है। इस कार्य में हमको अनेकों कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, क्योंकि पुराने ढंग के पंडित इस प्रकार के कार्य में अपनी आजीविका की हानि समझते हैं। हमने यद्यपि इस आयोजन के संबंध में आचार्य जी के अतिरिक्त ‘सनातन धर्म संस्कृत विद्यापीठ के अधिष्ठाताओं तथा कल्याण (गोरखपुर) से भी सलाह ले ली थी, तो भी एकाध स्थानीय पंडित जी ने हमारे कार्य का यथाशक्ति घोर विरोध किया। पर हमारे सहयोगी अपने विचार पर डटे रहे और अंत में कार्य ऐसी सफलता से पूरा हुआ कि गाँव वालों पर बड़ा प्रभाव पड़ा और वे गायत्री तपोभूमि के कार्यक्रम के महत्व को समझ गये। इस अवसर पर तपोभूमि की तरफ से श्री कृपा शंकर जी त्रिपाठी ने आकर धार्मिक सिनेमा का प्रदर्शन भी किया जिसका प्रभाव जनता पर बहुत अच्छा पड़ा।

-मदन मोहन सारस्वत

केराबदर(कालाहाँडी) में ता. 17 जून को सामूहिक जप, हवन, व चालीसा पाठ का कार्यक्रम सफलता पूर्वक हुआ। इसकी सारी व्यवस्था श्री सुबल प्रसाद शर्मा ने की।

-मंत्री, शाखा सभा

भद्रपुर (फतेहपुर) प्रमुख गायत्री उपासक श्री सीताराम जी यादव के यहाँ एक विशाल गायत्री हवन सम्पन्न हुआ। अखण्ड गायत्री चालीसा पाठ व अखण्ड रामायण पाठ भी किया गया। बस्ती के अन्यान्य व्यक्तियों ने भी बड़ी श्रद्धा से इसमें भाग लिया और अपने-अपने घरों से समिधा लाये। इस आयोजन में सर्व श्री रामावतार वर्मा, देवी दयाल वर्मा, गुरु प्रसाद वर्मा, सीताराम यादव, राजाराम, मदनचंद्र यादव, शिवलाल व रामकिशोर वर्मा ने दिन−रात परिश्रम करके इसे सफल बनाया।

-रामाश्रय वर्मा, एम.ए.

नारदीपुर (गुजरात) में 24 हजार आहुति का सामूहिक यज्ञ बड़ी धूमधाम से सम्पन्न हो गया। श्री लंबे नारायण स्वामी, श्री हरिप्रकाश नंद तीर्थ तथा शाँतिलाल सरढब आदि की उपस्थिति में पूर्णाहुति बड़े उत्साह से की गयी। यज्ञ में लगभग 4200 रुपये का व्यय हुआ जिसकी व्यवस्था गाँव के पटेल तथा अपने मित्रों द्वारा की गयी।

-मोहनलाल नीनदास

ग्राम बाबड़ी जिला टोंक (राजस्थान) में तीस मई को सवालक्ष जप व चौबीस हजार आहुतियों का सामूहिक यज्ञ किया गया। इसमें श्री जमनालाल जी गौड़, श्री रामकिशोर जी आचार्य, पं. प्रभु नारायण जी शास्त्री आदि विद्वानों ने भाग लिया। पूर्णाहुति पर विशाल ब्रह्मभोज दिया गया, पंडितों को पुरस्कार बाँटा गया। ग्राम बाबड़ी की जनता ने इस यज्ञ में सराहनीय कार्य किया।

-जगदीश प्रसाद शर्मा

कनगेटी (मंदसोर) में गायत्री जयंती का उत्सव निर्जला एकादशी व पूर्णिमा को बड़ी धूमधाम से मनाया गया। सदस्यों में गायत्री उपासना का अच्छा उत्साह है। उत्सव श्री नंदराम दास जी वैरागी व कन्हैयालाल जी वोहरा के स्थान पर हुआ था।

-वैद्य गेंदालाल समाधिया

मऊरानीपुर (झाँसी) में 60 हजार आहुतियों का सामूहिक गायत्री महायज्ञ ता. 11 जून से 17 तक संपन्न हुआ। स्थानीय जनता ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। ब्रह्मभोज हुआ और 450 गायत्री चालीसा बाँटे गये।

-सालिगराम पाण्डे

गुरुकुल बकानी (झालाबाड़) में श्री महाबीर प्रसाद शर्मा अध्यापक ने 25 दिन तक दूध दही पर रहकर अनुष्ठान किया। साथ में कमला देवी, जानकी देवी, गिरजा देवी, सूरज बाई, राम प्यारी बाई आदि ने भी छोटे अनुष्ठान किये। जेष्ठ शु. 8 को 2600 आहुतियों का हवन करके पूर्णाहुति की गई जिसमें ब्रह्मभोज तथा चालीसा वितरण किया गया।

-रामप्रसाद शर्मा

कोत्तागुड़ा (द. भारत) में गायत्री जयंती के अवसर पर जप व यज्ञ का कार्यक्रम उत्साह पूर्वक संपन्न किया गया। -मदनलाल

मझोला (पीलीभीत) में कई सदस्यों ने सवालक्ष और चौबीस हजार अनुष्ठान किये। पूर्णाहुति विधिवत की गई।

-लक्ष्मण सिंह मनराल

सेरसा (झाँसी) के सब सदस्यों ने मिलकर सवालक्ष का सामूहिक अनुष्ठान ता. 27 जून से 3 जुलाई तक किया। इसकी पूर्णाहुति विधिवत की गयी और धर्म फेरी भी लगाई गयी।

-सरयूप्रसाद तिवारी

गरोठ (जिला मंदसौर, मध्यप्रदेश) में गायत्री जयंती के उपलक्ष में ता. 7 जून से 12 तक विभिन्न स्थानों पर गायत्री यज्ञ और कथा आदि का प्रोग्राम रखा गया। कुल मिलाकर 27 हजार आहुतियाँ दी गयीं। महिलाओं में विशेष उत्साह रहा और उन्होंने बहुत ही बड़ी संख्या में सम्मिलित होकर कार्यक्रम को सफल बनाया।

-शंकरलाल चौधरी

रानीमुडा (उड़ीसा) में ता. दो जुलाई को एक सामूहिक गायत्री जप व हवन, सत्संग, चालीसा पाठ आदि का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। प्रसाद भी बाँटा गया।

-पं. हरिकृष्ण सुपकार शर्मा

सुसनेर (जिला शाजापुर) में मई 57 से अब तक 54 हवन हो चुके है। आयुर्वेदाचार्य रामचंद्र जी शर्मा के यहाँ 500 आहुतियों का हवन हुआ और श्री रामलाल जी डोंगरगाँव वाले के यहाँ गुरुपूर्णिमा को 1300 आहुतियों का हवन हुआ।

-नंदकिशोर शर्मा

अजीतगढ़ (सीकर, राजस्थान) में गुरुपूर्णिमा को जानकी नाथ जी के मंदिर में समस्त गायत्री उपासकों का सामूहिक यज्ञ किया गया। सैकड़ों आदमियों ने भाग लिया और आहुतियाँ अनगिनती दी गयीं। हरिकीर्तन, सत्यनारायण की कथा, प्रसाद वितरण, गायत्री चालीसा वितरण आदि सभी कार्य उत्साह पूर्वक मनाये गये।

-पं. जगदीश नारायण मिश्र, भारद्वाज

मँझिया (हरदोई) में 10 से 13 मई तक 9 यज्ञ कुण्डों में बड़ी धूमधाम से यज्ञ हुआ। बहुसंख्यक लोग गायत्री चालीसा का पाठ भी करते रहते थे। यज्ञ बड़ा ही प्रभावशाली था और सब पण्डितों ने अपने ढोंग को इस अवसर पर अलग रख दिया था। एक दुर्घटना जो क्षत्रियों में आपसी संघर्ष की इसी दिन होने वाली थी और जिसमें न जाने कितनी जानें जातीं, आपस में सुलह होकर शाँत हो गई। इस से गाँव में और भी खुशी छा गई और सब ने यज्ञ कार्य में पूरे उत्साह से भाग लिया।

-शिवराम दीक्षित

बेसड़ी (फतेहपुर) में गुरु पूर्णिमा को गायत्री परिवार द्वारा 2 हजार आहुतियों का यज्ञ किया। सर्वश्री श्रीराम तिवारी, महावीर प्रसाद तिवारी, रामस्वरूप शुक्ल, बालकृष्ण, गणेश प्रसाद तथा शिरोमणि प्रसाद ‘ननकुल’ ने सक्रिय योगदान प्रदान किया।

-सत्यव्रत विद्यारत्न

कुर्रा (हमीरपुर) में संपूर्ण गायत्री उपासकों ने मिलकर हनुमानजी के आश्रम पर 24 हजार का गायत्री यज्ञ आषाढ़ सुदी 11 को किया। बस्ती के सभी स्त्री-पुरुषों ने बड़ी श्रद्धा-भक्ति से आहुतियाँ दीं। मझगवाँ निवासी दीवान बजरंग, बल्लभसिंह जी, धनवाँ निवासी मुँशी नाथूराम खरे, तथा पं. परसाम जी मिश्र, कैंघी (राठ) से पं. दुर्गाप्रसाद जी , श्री रघुदयालजी आदि अनेक महानुभावों ने इस महायज्ञ में भाग लिया। कन्या भोजन और चालीसा वितरण भी हुआ।

-पं. भवानी दीन शर्मा

गणेशगंज व टीकमगढ़ (बुँदेलखंड) में गायत्री उपासकों के उद्योग से गुरु पूर्णिमा को एक सामूहिक जन व हवन का आयोजन समारोह पूर्वक संपन्न हुआ। आस-पास के गाँवों की जनता ने भी श्रद्धा पूर्वक भाग लिया।

-जगतराम पस्तोर

साँगोद (कोटा) में गुरु पूर्णिमा को भूतेश्वर बगीची में सामूहिक यज्ञ किया गया और श्रावण मास में दैनिक अग्निहोत्र का संकल्प किया गया।

-बद्रीलाल पंचोली

मनमाड (नासिक) में हवन का कार्यक्रम चालू है। गुरुपूर्णिमा के उपलक्ष में 360 आहुतियों का विशाल हवन किया गया।

-शिवचन्द्र

दिगौड़ा (टीकमगढ़) में गुरुपूर्णिमा के अवसर पर सामूहिक जप, हवन, कीर्तन, चालीसा पाठ का आयोजन किया गया। कन्या-भोजन भी कराया गया। जतरा तहसील के गाँव-गाँव में गायत्री-चालीसा वितरण कराये गये।

-बैजनाथ प्रसाद शर्मा

महिदपुर (उज्जैन) में धूर्जटेश्वर महादेव पर 5 दिन तक यज्ञ किया गया। ब्रह्मभोज हुआ व प्रभात फेरी भी लगाई गयी।

-मंत्री ‘झारडा’ शाखा

झूमकी (झालावाड़) में गुरुपूर्णिमा के उपलक्ष में एक हवन किया गया और प्रसाद बाँटा गया।

-राम प्रसाद गुप्ता

फरीदपुर (फतेहपुर) में गुरुपूर्णिमा का हवन शारदा मंदिर में श्री प्यारेलाल जी व श्री गयादीनजी की अध्यक्षता में पूर्ण हुआ। शाखा की तरफ से रामायण का अखण्ड सम्पुट पाठ हुआ। कन्या भोजन व प्रसाद वितरण हुआ।

-मोतीलाल वर्मा

दोनापुर (जालौन) में 12 ग्रामों में धर्मफेरी करके गुरुपूर्णिमा को यज्ञ किया गया और दो-ढाई सौ व्यक्तियों का भोजन किया गया। इसमें श्री राम सिंह कुशवाहा से काफी मदद मिली।

-मनीराम

भिण्ड (ग्वालियर) में गुरुपूर्णिमा पर गायत्री महायज्ञ अत्यंत उत्साहपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ। 32 सौ आहुतियाँ दी गयीं। श्री सत्यदेव जी शास्त्री ने यज्ञ का संचालन बड़े सुचारु रूप से किया और वकील साहब का गायत्री पर विवेचनात्मक भाषण हुआ।

-केदारनाथ गुप्ता

कराहल परगना (ग्वालियर) के बाढ़, खिरखिरी सेमरा, चक रामपुर आदि ग्रामों में गायत्री परिवारों ने सामूहिक रूप से आषाढ़ से क्वार तक, सवा करोड़ जप अधिकतम नये उपासकों के द्वारा कराने का निश्चय किया है। जिसकी पूर्णाहुति क्वार सुदी मंगलवार को होगी।

- मंत्री, शाखा सभा

हरनावदाशाहजी (कोटा) में एक मास में सवा लक्ष जप व एक हजार गायत्री चालीसा पाठ के संकल्प लिया गया। भगवती की कृपा से नियत समय तक 20 हजार जप व 37 पाठ विशेष हुए। गुरु पूर्णिमा पर दशाँश हवन का कार्यक्रम रखा गया। जिसमें सब सज्जनों ने भाग लिया। भगवती के चित्र बैण्ड बाजे के साथ जुलूस निकाला गया। एक-दो सज्जनों के व्यर्थ के विरोध करने पर भी यज्ञ बड़ी शान और सफलता से संपन्न हुआ। गेंदीलाल जी शर्मा, बंशीधर, मोहनलाल, रामगोपाल गुप्ता, शालिग्राम, मूलचंद आदि उपासकों ने उल्लेखनीय भाग लिया।

-मंत्री, गायत्री परिवार

खेर्डा (बंबई प्राँत) में गुरुपूर्णिमा का जप व हवन समारोह पूर्वक किया गया।

-किशन जाणूजीवा घमारे

राधनपुर (गुजरात) में गायत्री परिवार की तरफ से एक विशाल यज्ञ आसोज मास में करने का संकल्प किया गया है, जिसके लिए गायत्री प्रेमी चुनीलाल भाई सोमाभाई ने 5 हजार रुपये चंदा दिया है।

-मंत्री, यज्ञ समिति

पहाड़पुर (बदायूँ) में श्री ज्वाला सहायजी सक्सेना के नये भवन पर यज्ञ और चालीसा पाठ श्री पवनजीत द्वारा हुआ। इसके बाद श्री दुर्गादेवी के भवन, शिवमंदिर, भजनलालजी शर्मा अध्यापक, राजेन्द्र सिंह जी यादव, मंगलीप्रसाद जी कोरी ,हरप्रसादजी यादव आदि के स्थानों पर पृथक-पृथक यज्ञ किये गये जिनमें पवनजीत कुमार और अशोक कुमार ने उत्तम व्यवस्था की। ज्वाला सहाय के कई प्रभावशाली प्रवचन भी हुए। इस प्रकार यहाँ यज्ञ और कीर्तन की धूम मचा दी गई है और आशा है आगे चलकर यह शाखा उत्तम कार्य कर सकेगी।

-इच्छापूर्ण गौड

कोटा में राजस्थान के सक्रिय कार्य-कर्ताओं के प्राँतीय सम्मेलन की योजना की गयी है, जिसमें कोटा, बूँदी, झालावाड़ टोंक तथा म.प्र. के शाजापुर व मंदसोर जिले की शाखाओं ने भाग लेना निश्चय किया है। सम्मेलन का कार्यक्रम तय किया जा रहा है।

-शंभू सिंह हाड़ा

आरंग (रायपुर) में गुरु पूर्णिमा उत्सव बड़े ही उल्लास व उत्साह के वातावरण में मनाया गया। बड़ी संख्या में गायत्री जप, पाठ, लेखन, हवन और प्रवचन का कार्यक्रम संपन्न हुआ। सभी सदस्यों ने गायत्री तपोभूमि के लिए गुरु पूर्णिमा की श्रद्धाँजलि के साथ थोड़ा-थोड़ा धन भी अर्पण किया।

-विद्या प्रसाद मिश्र

जमशेदपुर बिहार में आषाढ़ पंचमी से 9 दिन सवा लाख का अनुष्ठान हुआ। गुरु पूर्णिमा को 38 सौ के लगभग आहुतियों का हवन हुआ। सर्वश्री सुदामा, शीतलाशंकर,कमला ने इस कार्य में विशेष योगदान दिया।

-मंत्री

लखनादौन (म.प्र.) में गुरुपूर्णिमा को दिन के तीन बजे तक श्री रमेश कुमार जी नैपाली के घर पर गायत्री हवन तथा हरि कीर्तन का आयोजन किया गया। सदस्यों ने उत्साह से भाग लिया। पुस्तकालय खोलने का प्रस्ताव किया गया।

-श्री कृष्ण कौशल

व्यावर में गुरुपूर्णिमा को गायत्री पाठ व चालीसा पाठ का कार्यक्रम हुआ। रात्रि को केशव स्वरूप जी, वैद्यराज चतुर्भुज शर्मा, राजजी आर्य आदि के भाषण हुये।

हस्वा (फतेहपुर) में श्री बृजबिहारी शुक्ल के स्थान पर सामूहिक आयोजन किया गया जिसमें अखण्ड रामायण पाठ व कीर्तन आदि भी किया गया।

-रामावतार शर्मा

माकडोन (उज्जैन) में गुरु पूर्णिमा को प्रातःकाल प्रभातफेरी लगाई गयी। श्री सीताबाई के मकान पर 21 महिलाओं ने 2100 आहुतियों का हवन किया। इसी प्रकार बापू शिवाजी व सीताराम जी बड़िया के यहाँ सामूहिक हवन किये गये। सुनार सेरी में गुरुजी के चित्र का पूजन किया गया।

-नंद किशोर

पिलसना (इटावा) में गायत्री परिवार की ओर से गुरु पूर्णिमा पर दो यज्ञों का आयोजन किया गया जो सफलतापूर्वक सम्पन्न हुए। संपूर्ण ग्रामवासियों ने श्रद्धापूर्वक भाग लिया। एक यज्ञ श्री राजाराम जी ने निज व्यय से संपन्न कराया।

-कृष्ण लाल द्विवेदी

बमनी बाजार (बस्ती) में गुरु पूर्णिमा को गायत्री माता, यज्ञ भगवान व गुरुजी के चित्रों का डोला बनाकर जुलूस निकाला गया जिसके साथ बहुत से गाजे-बाजे थे। हवन भी किया गया।

-कन्हाईदासजी वैष्णव

जूना बिलासपुर (म.प्र.) में गुरु पूर्णिमा पर गायत्री परिवार ने बड़े उत्साह से गुरु पूजन, मंत्र लेखन और सामूहिक यज्ञ किया। प्रत्येक सदस्य द्वारा गुरु चरणों में दक्षिणा भी अर्पित की गयी जो एकत्रित करके भेजी जायेगी।

-चीनाराम पोद्दार

नर्रा (रायपुर) में गुरु पूर्णिमा को 5000 आहुतियों का सामूहिक हवन तथा गुरु पूजन किया गया। गायत्री चित्र व गायत्री चालीसा बाँटे गये।

-गुरु प्रसाद निगम

धारोला (शाजापुर) में एक पंचकुँडी सामूहिक यज्ञ सानंद समाप्त हो चुका है।

-पं. सुँदरलाल त्रिवेदी

बड़वाह (नेमाड़) में सामूहिक यज्ञ किया गया। माता का जुलूस भी पूरे नगर में निकाला गया। माताओं और बहिनों ने बहुत बड़ी संख्या में भाग लिया।

-राजेन्द प्र. पाठक

पिछोर (झाँसी) में गुरु पूर्णिमा पर 45 सदस्यों ने जप व हवन का कार्यक्रम पूरा किया।

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