बिहार प्रवास पर पहुँचे आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी — पटना में हुआ आत्मीय एवं गरिमामय स्वागत
देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी ने आज अपने दो दिवसीय बिहार प्रवास का शुभारंभ पटना से किया। पटना एयरपोर्ट पर अखिल विश्व गायत्री परिवार के समर्पित कार्यकर्ताओं ने आदरणीय डॉ. साहब का आत्मीय स्वागत एवं अभिनंदन किया।
आदरणीय डॉ. पण्ड्या जी के आगमन से पूरे परिसर में उत्साह, श्रद्धा और आध्यात्मिक ऊर्जा का वातावरण निर्मित हुआ। कार्यकर्ताओं ने पुष्पअर्पण, मंगल ध्वनियों एवं गायत्री मंत्रोच्चार के साथ परंपरागत गरिमामय स्वागत करते हुए उनके प्रति अपनी विनम्र श्रद्धा अभिव्यक्त की।
अपने इस प्रवास के दौरान आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी बिहार के विभिन्न स्थलों पर आयोजित आध्यात्मिक एवं सामाजिक कार्यक्रमों में मार्गदर्शन प्रदान करेंगे, साथ ही युग निर्माण आंदोलन के विविध आयामों पर प्रेरणादायी दिशा भी देंगे।
Recent Post
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 130): स्थूल का सूक्ष्मशरीर में परिवर्तन— सूक्ष्मीकरण
Read More
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 129): स्थूल का सूक्ष्मशरीर में परिवर्तन— सूक्ष्मीकरण
Read More
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 128): स्थूल का सूक्ष्मशरीर में परिवर्तन— सूक्ष्मीकरण
Read More
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 127): स्थूल का सूक्ष्मशरीर में परिवर्तन— सूक्ष्मीकरण
Read More
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 126): तपश्चर्या— आत्मशक्ति के उद्भव हेतु अनिवार्य
Read More
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 125): तपश्चर्या— आत्मशक्ति के उद्भव हेतु अनिवार्य
Read More
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 124): तपश्चर्या— आत्मशक्ति के उद्भव हेतु अनिवार्य
Read More
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 123): तपश्चर्या— आत्मशक्ति के उद्भव हेतु अनिवार्य:
Read More
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 122): तपश्चर्या आत्मशक्ति के उद्भव हेतु अनिवार्य
Read More
कौशाम्बी जनपद में 16 केंद्रों पर संपन्न हुई भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा
उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जनपद में अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज की ओर से आयोजित होने वाली भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा शुक्रवार को सोलह केंद्रों पर संपन्न हुई। परीक्षा में पांचवीं से बारहवीं...
