‘युवा सशक्तिकरण महाआयोजन’ — जन्म शताब्दी वर्ष (2026) की भावभूमि में उदीयमान युवाशक्ति का मंगल आह्वान
अखिल विश्व गायत्री परिवार, प्रांतीय युवा प्रकोष्ठ बिहार द्वारा आयोजित Youth Empowerment कार्यक्रम जन्म शताब्दी वर्ष—2026 के शुभारंभ की पूर्वभूमि जैसा अनुभूत हुआ, जहाँ देश की युवा चेतना, राष्ट्रीय संस्कार और आध्यात्मिक ऊर्जा सहगुँथित होकर एक अद्भुत वातावरण का निर्माण कर रही थीं।
अपने दो दिवसीय बिहार प्रवास के अगले चरण के रूप में देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी ने पटना के बापू सभागार में अपनी पावन उपस्थिति दी। कार्यक्रम में भारत सरकार के माननीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानन्द राय जी और प्रख्यात शिक्षाविद् खान सर भी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
सर्वप्रथम मंच को संबोधित करते हुए आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी ने युवाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा—“एक श्रेष्ठ इंसान वह है जो निरंतर निखरता हुआ आगे बढ़ता जाए। हर व्यक्ति को जीवन में तीन सूत्रों की ओर चलने की प्रेरणा लेनी चाहिए, आगे बढ़ने की, ऊपर उठने की, और अच्छा करने की।”
उन्होंने विवेकानन्द के तेजस्वी व्यक्तित्व का उदाहरण देते हुए कहा कि युवाशक्ति के भीतर अद्भुत ऊर्जा और राष्ट्र–निर्माण की क्षमता है—बस उसे सही दिशा, दृष्टि और प्रेरणा की आवश्यकता है।
परम पूज्य गुरुदेव की तप–यात्रा का स्मरण कराते हुए उन्होंने कहा—
“पूज्य गुरुदेव की तप–यात्रा के 100 वर्ष पूर्ण होने जा रहे हैं। ये 100 वर्ष केवल दीप के जलने के नहीं, बल्कि एक ईश्वरीय योजना के 100 वर्षों के साक्षी हैं। यह वर्ष हमें अपने राष्ट्र, समाज और चरित्र–निर्माण के लिए स्वयं को पूर्णतः समर्पित करने का संदेश देता है।”
माननीय श्री नित्यानन्द राय जी ने युवाओं को राष्ट्रधर्म, आत्मसम्मान और सांस्कृतिक गौरव का संदेश दिया, वहीं खान सर ने बड़ी सरलता और ओजस्विता के साथ ‘मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम’ के आदर्श एवं “रघुकुल रीति सदा चली आई…” की अमर शिक्षाओं को जीवन में अपनाने का आह्वान किया।
उन्होंने भारतीय संस्कृति, मर्यादा, अनुशासन, तथा अखण्ड भारत की अवधारणा पर सारगर्भित विचार रखे, जिसने युवा श्रोताओं के मन में प्रेरणा और राष्ट्रीयता का नवीन प्रकाश जगाया। सभी अतिथियों का स्वागत प्रांतीय युवा प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं ने किया। इस अवसर युवाओं ने राष्ट्र निर्माण हेतु विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुए।
आदरणीय डॉ. पण्ड्या जी की उपस्थिति ने कार्यक्रम में आध्यात्मिक ऊँचाई और प्रेरणा का विशेष संचार किया। गुरुदेव के विचारों, राष्ट्र–निर्माण के सूत्रों और युवा चेतना के संदेशों ने उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति के भीतर एक नयी ज्योति प्रज्ज्वलित की। कार्यक्रम के समापन में हजारों युवाओं ने देव स्थापना के चित्र के साथ राष्ट्र निर्माण का संकल्प लिया।
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