JEEVAN PATH

"हमारी वसीयत और विरासत" (भाग 2)
इस जीवन यात्रा के गम्भीरता पूर्वक पर्यवेक्षण की आवश्यकता
हमारी जीवनगाथा सब जिज्ञासुओं के लिए एक प्रकाश-स्तंभ का काम कर सकती है। वह एक बुद्धिजीवी और यथार्थवादी द्वारा अपनाई गई कार्यपद्धति है। छद्म जैसा कुछ उसमें है नहीं। असफलता का लांछन भी उन पर नहीं लगता। ऐसी दशा में जो गंभीरता से समझने का प्रयत्न करेगा कि सही लक्ष्य तक पहुँचने का सही मार्ग हो सकता था— शार्टकट के फेर में भ्रम-जंजाल न अपनाए गए होते, तो निराशा, खीज और थकान हाथ न लगती; तब या तो मँहगा समझकर हाथ ही न डाला जाता; यदि पाना ही था तो उसका मूल्य चुकाने का साहस पहले से ही सँजोया गया होता— ऐसा अवसर उन्हें मिला नहीं। इसी को दुर्भाग्य कह सकते हैं। यदि हमारा जीवन पढ़ा गया होता; उसके साथ आदि से अंत तक गुथे हुए अध्यात्मतत्त्व दर्शन और क्र...