
धर्म-प्रेमियों के सराहनीय प्रयत्न
Listen online
View page note
Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
ध्राँगध्रा (गुजरात) में स्थानीय शाखा के सब सदस्यों ने मिलकर महादेव जी के मंदिर में 24 हजार जप किया और 24 सौ आहुतियों का हवन किया। पूजन, आरती, चालीसा पाठ भी किया गया और प्रसाद बाँटा गया।
-हीरालाल दलपतराम मेहता
जूना बिलासपुर (म.प्र.) में ता. 25 मई को श्री विद्या प्रसाद मिश्रा आरंग से पधारे। स्थानीय गायत्री परिवार उन्हें स्टेशन पर लेने गया। उनके निरीक्षण में स्थानीय यज्ञ बड़ी धूमधाम और सफलता के साथ सम्पन्न हो गया।
-चीनाराम पोद्दार
ई.एस.डी. मंदिर (बंगाल) की शाखा में साप्ताहिक सत्संग नियमपूर्वक होता है। इसके फल स्वरूप अनेक व्यक्तियों ने माँस , मदिरा, वेश्यागमन, बीड़ी, सिगरेट आदि दुर्व्यसनों को त्याग दिया है।
-राम प्रसाद मिश्रा
मोरवी (सौराष्ट्र) में साधकों ने 24 हजार जप, 24 सौ चालीसा पाठ और 24 सौ मंत्र लेखन का अनुष्ठान किया।
-करुणा शंकर जगजीवनदास जानी
गनेशगंज (टीकमगढ़) में गणेश देव के मंदिर की प्रतिष्ठ के उपलक्ष्य में जेठ शु. 3 व 4 को 24 हजार गायत्री का जप कराया गया। 24 हजार आहुतियों का हवन, 108 चालीसा पाठ, भजन, कीर्तन आदि समस्त प्रोग्राम बड़े उत्साह के साथ सम्पन्न किया गया।
दिगौड़ा शाखा के मंत्री श्री बैजनाथ सिकोनिया तथा श्री बहादुर सिंह जी पधारे। गायत्री माता तथा आचार्य जी के चित्र वितरण किये गये।
-जगतराम पेस्तार
माकड़ोन (उज्जैन) में ता. 8 जून को 13 सदस्यों ने 24-24 हजार का जप पूरा करने के उपलक्ष्य में हवन किया जिसके आचार्य कोमल प्रसाद जी थे।
-सीताराम बड़िया
विलासपुर (म.प्र.) के गायत्री परिवार ने गायत्री-जयन्ती का पुण्य पर्व बड़े समारोह पूर्वक मनाया। 24 घंटे अखण्ड ज्योति जलती रही। 24 उपासकों ने 24-24 माला का जप किया।
-सुधाराम महाजन
राजपुर (म.प्र.) में गायत्री-जयंती पर गायत्री मंदिर में माता का जुलूस नगर में निकाला गया जिसमें जनता ने भी सहयोग दिया। लौटने पर श्री बालकृष्ण जी शुक्ल ने माता की महिमा पर व्याख्यान दिया तथा गायत्री-चालीसा वितरण किये गये।
-मंत्री, शाखा सभा
भैरोंपुर (होशंगाबाद)में गायत्री जप तथा यज्ञ और हवन का कार्यक्रम सफलतापूर्वक चलता रहता है। इस वर्ष 5 लाख मंत्र-जाप हुआ।
-माँगीलाल गर्ग
रामावरण (दक्षिण भारत) में गायत्री जयंती के उपलक्ष्य में उपासकों ने सामूहिक जप व हवन किया जिसमें गाँव वालों ने भी बड़े उत्साह से भाग लिया।
-अमृतलाल
तनोडिया (शाजापुर म.प्र.) में दो सामूहिक हवन हरी सिंह जी व डॉ. एल.पी. आनंद के यहाँ हुये।
-मुन्ना लाल कर्मयोगी।
मिर्जापुर (कोटा) में जेष्ठ सुदी 9-10 को गायत्री यज्ञ समारोहपूर्वक सम्पन्न हो गया। वाराँ से पं. श्री कृष्णजी आदि गायत्री प्रतिमा का जुलूस निकाला गया।
-सुदर्शन गुप्त
काँकणपुर (गुजरात) में गायत्री जयंती पर माता जी का षोडशोपचार पूजन किया गया और प्रत्येक सदस्य ने एक हजार जप किया। एक सदस्य श्री गोविन्दलाल जी ने 24 लक्ष का महापुरश्चरण शुरू किया है।
-रणछोड़लाल शुकुल
चिलियानौला (अल्मोड़ा) में ता. 7 जून को गायत्री जयंती का उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया। प्रातः 4 बजे से संध्या तक कार्यक्रम चलता रहा जिसमें अनेक प्रमुख व्यक्तियों ने भाग लिया।
-बदरीदत्त
सुसनेर (जि. शाजापुर)में गायत्री महायज्ञ के पश्चात 22 हवन सानंद हो चुके हैं। साधक संख्या निरन्तर बढ़ती जा रही है। पं. नारायण उपाध्याय तथा राम गोपाल जी विशेष सहयोग दे रहे हैं।
-नंदकिशोर
जासलपुर (म.प्र.) में गायत्री परिवार के सदस्यों ने 9 दिन तक सामूहिक जप, हवन और चालीसा पाठ का कार्यक्रम बड़े उत्साह के साथ किया।
-पु. आ.
माकड़ौन (म.प्र.) के गायत्री उपासना चैत्र की नवरात्रि के अवसर पर प्रति वर्ष माता का मेला भरवाने का निश्चय किया है। इस प्रकार ताराचंद जी पालीवाल तथा अन्य कई ने प्रति वर्ष गायत्री महायज्ञ का भी निश्चय किया है। 55 सदस्यों ने 24-24 हजार का अनुष्ठान का संकल्प किया है।
-कोमल प्रसाद
दिगौड़ा (टीकमगढ़) की शाखा द्वारा घंटे का अखण्ड कीर्तन व 24 हजार गायत्री मंत्र का पाठ ग्राम खरोई में किया गया। गायत्री चालीसा के 108 पाठ भी किए गए।
-वैजनाथ प्रसाद
तूँगा (जयपुर) में एक सामूहिक उपनयन संस्कार सम्पन्न हुआ जिसमें ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य तीनों वर्णों के 22 लड़कों ने यज्ञोपवीत धारण किये। गायत्री महापुरश्चरण और हवन भी किया गया। इस आयोजन को सफल बनाने में श्री मोहन जी सारस्वत ने तन, मन , धन से सहयोग दिया।
-गोपीवल्लभ
हस्बा (फतेहपुर) में गायत्री जयंती का उत्सव बड़े विशाल रूप में मनाया गया जिसमें फतेहपुर आदि के अनेक विद्वानों तथा महात्माओं के भाषणों से उत्साह की अपूर्व लहर दौड़ गई।
-रामावतार
जगेली (पूर्नियाँ) में प्रथम तो अतिवृष्टि से तथा फिर अनावृष्टि के कारण फसल की दशा बड़ी ही खराब हो गयी थी और किसानों में त्राहि-त्राहि मची थी। इस महाविपत्ति से छुटकारा पाने के लिए स्थानीय गायत्री भक्तों ने श्री 108 रामठाकुर के स्थान पर यज्ञ किया। ग्राम के अधिकाँश व्यक्तियों ने एक समय का भोजन त्याग कर उस में भाग लिया। इसके फल से बहुत अच्छी वर्षा हुई और समस्त जनता में गायत्री माता का प्रभाव छा गया।
-मोतीलाल गोस्वामी
खरखौदा (मेरठ)में माता का बहुत बड़ा मेला हुआ जिसमें गायत्री यज्ञ भी किया गया। आरती, प्रसाद आदि सब कार्य धूम-धाम से सम्पन्न हुआ। यहाँ के पास ही मोदीनगर के इलाके में देवी जी का मेला होता है जिसमें अभी तक बहुसंख्यक बकरे काटे जाते थे, पर अब वहाँ भी पशुहिंसा बंद करके गायत्री यज्ञ होने लगा है।
-वैद्य जयप्रकाश ‘गौतम’
पलाकसेर (बुलंदशहर) में स्वामी ब्रह्मस्वरूप द्वारा आयोजित सवालक्ष आहुतियों का महायज्ञ समस्त धार्मिक जनता के सहयोग से सफलता पूर्वक सम्पन्न हो गया। 28 मई को जल यात्रा हुई। सभी महिलाएं पीले वस्त्र धारण करके गीत गा रही थीं। ता. 2 जून को पूर्णाहुति हुई जिसमें आ.भा.गायत्री परिवार के कुलपति पं. श्रीराम शर्मा भी पधारे। नित्य 5 दिन तक धार्मिक सिनेमा भी चलता रहा।
-हरी शंकर गौड़
टेलको (टाटानगर) में ता. 9 जून को गायत्री जयंती मनाई गयी । चार घंटे तक यज्ञ होकर 6480 आहुतियाँ डाली गयीं। एक सौ गायत्री चालीसा का वितरण किया गया। सब सदस्यों ने सम्मिलित रूप से कीर्तन भी किया।
-नगद नारायण शर्मा
शाहदरा (दिल्ली) में श्रीराधेश्याम के यहाँ पुत्रोत्पत्ति की खुशी में 24 सौ आहुतियों का हवन किया गया। यह पुत्र दश वर्ष बाद गायत्री आराधना के फलस्वरूप ही प्राप्त हुआ है।
-एक जानकार
बाराँ (कोटा) में गायत्री जयंती के अवसर पर 24 हजार आहुतियों का यज्ञ उत्साहपूर्वक सम्पन्न हुआ। इस इलाके में और 4-5 यज्ञ शीघ्र ही किये जाने की व्यवस्था की गयी है।
मानपुर (इंदौर) में ज्येष्ठी नवरात्रि के अवसर पर सामूहिक लघु अनुष्ठान किया गया। नित्य लगभग 80 व्यक्ति यज्ञ में सम्मिलित होते हैं।
-हरिश्चंद्र मीतल
बकानी (झालावाड़) के गुरुकुल में 24 व्यक्तियों द्वारा 1 लाख 97 हजार सामूहिक जप और 2400 आहुतियों का हवन किया गया।
-भँवरलाल शर्मा
अजीतगढ़ (सीकर) की गायत्री शाखा ने कार्तिक वदी 2 से कार्तिक वदी 6 तक 21 हवन कुण्डों का यज्ञ करने का आयोजन किया है।
-जगदीशनारायण भारद्वाज
सागौनभाड़ी (कालाहाँडी) में गायत्री जयंती के दिन 47 सदस्यों ने सामूहिक जप व यज्ञ किया। ब्रह्मभोज के उपराँत प्रभावशाली भाषण भी हुए। गायत्री उपासना की महिमा पर प्रकाश डाला गया। इस वर्ष में सागौनभाड़ी की शाखा में 31 लाख जप व 25 हजार मंत्र लेखन हुआ।
-श्री कृष्ण जोशी
बागोद (निमाड़) में लक्ष्मण प्रसाद वर्मा के यहाँ पाँच सौ आहुतियों का हवन किया गया। पीपलझर ग्राम में नवीन शाखा खोली गयी। शीघ्र ही सामूहिक यज्ञ की योजना बनाई जा रही है।
-रतनलाल सक्सेना
जरीयागढ़ (खूँटी, राँची) में 5 दिन का यज्ञ किया गया जिसमें 108 माला गायत्री मंत्र से हवन किया गया। पाँचों दिन अखण्ड कीर्तन हुआ।
-देवेन्द्रनाथ साहु
महोवा (हमीरपुर) में बिहारी जी के मंदिर में गायत्री यज्ञ विधि पूर्वक किया गया। परिवार के सदस्यों के अतिरिक्त जनता भी उपस्थित थी। महिलाओं ने अधिक संख्या में भाग लिया।
-प्रेमचंद्र अग्रवाल
रोहीशाला (सौराष्ट्र) में गायत्री जयन्ती के अवसर पर दस हजार आहुतियों का भी यज्ञ श्री वनमाली रुगनाथ के सहयोग से किया गया। गाँव की समस्त जनता दर्शनार्थ एकत्रित हुई थी। अंत में प्रसाद बाँटा गया और परिवार के सब सदस्यों ने सहयोग किया।
-मंत्री शाखा सभा
बिजौली (फतेहपुर) में गाँव के बाहर देव स्थान पर सामूहिक यज्ञ हुआ। गाँव की करीब 100 कन्याओं को भोजन कराया गया।
-राम सनेही वर्मा
ग्राम मेड़की (शाजापुर) में श्री मीराबाई के प्रयत्न से गायत्री परिवार की शाखा स्थापित की गयी। चार सौ आहुतियों का हवन किया गया। कन्या व ब्राह्मण को भोजन भी कराया गया।
-कोमल प्रसाद शर्मा
नागपुर में श्री दुबेजी द्वारा प्रेरित होकर पाँडे जी के स्थान पर 27 सौ आहुतियों का यज्ञ पुत्र के यज्ञोपवीत के उपलक्ष्य में किया गया। गायत्री शाखा के नये सदस्य बनाये गये।