
इस शताब्दी के अन्त में भारी उथल-पुथल की संभावना
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संसार में समय-समय पर ऐसे दृष्टा भविष्य वक्ता भी होते रहे हैं जिनने व्यक्ति विशेष की लाभ हानि की चर्चा न करके समूचे विश्व को अथवा उसके खण्ड विशेष को बदलने वाली परिस्थितियों का उल्लेख किया है। उन्हें महत्व इसलिए मिला कि अब तक के कथन सही उतरते रहे हैं।
ऐसे प्रामाणिक भविष्य वक्ता फ्राँस में हुए हैं, जो सन् 1566 में स्वर्गवासी हुए और इतने दिन बाद भी अपने कथनों की यथार्थता के कारण प्रामाणिक माने जाते और आदर की दृष्टि से देखे जाते हैं।
फ्राँस के नोस्ट्रादमस को विश्व ख्याति प्राप्त है। उनकी विशेषताएं ऐसी ही हैं जो किशोरावस्था में उदय हुईं और जीवन के अन्त काल तक बनी रहीं। उनका क्रम समीपवर्ती लोगों में चला और बात सच निकली तो उनने पुलिस की सहायता करके अनेकों ऐसे अपराधियों को पकड़वाया, जिनका पकड़े जाना, ऐसा सुराग मिले बिना और किसी प्रकार सम्भव नहीं था। उनके सम्बन्ध में कोई कल्पना तक नहीं कर सकता था पर जब नोस्ट्रादमस ने उनके अपराधी होने के सम्बन्ध में विश्वासपूर्वक कहा, प्रमाण प्रस्तुत किये तो बात माननी पड़ी और खोज आगे बढ़ी अन्ततः प्रमाणों के आधार पर सच्चाई सामने आई और अपराधियों को दण्ड का भागी बनना पड़ा।
अमेरिकी अन्तरिक्ष कार्यक्रम ‘नासा’ के साथ मिलकर काम करने वाले एक फ्राँसीसी अन्तरिक्ष विज्ञानी चेटेलेन ने नोस्ट्रादमस की रहस्यमय पुस्तकों का सार लेकर एक पुस्तक अभी-अभी प्रकाशित की है। नाम है उसका- ‘लाफ्रिग द मोड’ (विश्व का अन्त)।
मूल पुस्तकों के उल्लेखों के अनुसार पश्चिमी सभ्यता का परोक्ष रूप में पतन 1982 से आरम्भ हो जायेगा। साथ ही पश्चिम एशिया की स्थिति भी बिगड़ती जायेगी। अरबों और इस्रालियों में भीषण युद्ध होगा। फ्राँस के दक्षिण पूर्व वाले भाग में विशेष रूप से अशान्ति उत्पन्न होगी। रूसी व अरब मिलकर यूरोप पर आक्रमण करेंगे। पोप को फ्राँस की शरण लेनी पड़ेगी।
इसके बाद कुछ समय ऐसा आयेगा जिसमें सबको लगेगा कि शान्ति के दिन आ गये और एक नई व्यवस्था कायम हुई। लेकिन यह अस्थायी होगा। 1986 से आरम्भ हुई अशान्ति पूरे 27 वर्ष तक चलेगी। इसमें रूस और चीन के युद्ध की भी सम्भावना बताई है। अरब व खाड़ी के देश एवं अमरीका भी इसमें भागीदार होंगे।
अरबों से उनके तेल क्षेत्र छिन जायेंगे। नोस्ट्रादमस की भविष्यवाणियों की मैरिस ने जो व्याख्या की है उसके अनुसार 21 जून 2001 में विश्व का एक नया नेता उभरेगा। धर्म और जाति की ऐसी स्थापना करेगा जो इस बीच खोये शून्य की पूर्ति करेगा। इस कथन को शुक्र ग्रह के विज्ञान पर आधारित बताया गया है और माया सभ्यता के पंचांगों से मदद ली गई है। इसके अनुसार सन् 2000 में ऐसे भयंकर भूकम्पों की शृंखला का संकेत है जो अमेरिका के अधिकाँश क्षेत्रों में फैला हुआ होगा और उसके प्रभाव से उत्तर ध्रुव की बर्फ पिघलने लगेगी। समुद्री तूफान आयेंगे। सारी दुनिया में जल प्रलय के दृश्य दिखाई देंगे।
इसके उपरांत अन्तरिक्ष से उच्च सभ्यता वाले प्राणी उतरेंगे और 30 अप्रैल सन् 2020 तक ऐसी चिरस्थायी शान्ति उत्पन्न करेंगे, जिसे नवयुग का आगमन कहा जा सके।
इस भविष्यवाणी को अभी भी महत्व इसलिए दिया जा रहा है कि विगत 300 वर्षों में इस भविष्य वक्ता की अधिकाँश भविष्य वाणियाँ सही सिद्ध होती रही हैं। भविष्य वक्ताओं में से अधिकाँश की प्रकृति यह होती है कि वे व्यक्तियों को प्रधान मानकर चलते हैं और उनके निजी जीवन में घटित होने वाली घटनाओं को ही महत्व देते हैं, किन्तु नास्ट्रोदमस इस प्रकृति के अकेले ही हैं, कि वे बदलते समय और घटित होने वाले सार्वजनिक घटनाक्रम पर ही प्रकाश डालते हैं। समय की कसौटी पर उनकी कथनी अधिकतर सही उतरती रही है। इस आधार पर आगे के लिए भी उनकी बातों पर विश्वास किया जाता है।