Magazine - Year 1988 - Version 2
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Language: HINDI
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क्या स्वप्न सिद्धि - सम्भव है?
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ष्क्वद्दठ्ठद्मद्भ.;स्र द्वद्बद्धह्व"द्मठ्ठ− द्गह्यड्ड ह्लद्मफ्क्वद्धह् द्यह्न"द्मह्नद्धढ्ढह् स्रद्ध ह्द्भद्द रुद्बढ्ढह्व स्रद्मह्य द्गह्व स्रद्ध ह्द्धद्यद्भद्ध क्शरुस्नद्मद्म स्रद्दद्म फ्;द्म द्दस््न द्यह्न"द्मह्नढ्ढह्द्मशरुस्नद्मद्म द्गह्यड्ड द्गह्व क्द्बह्वह्य द्दद्ध द्यड्डस्रंघद्ब द्धशस्रंघद्ब द्यह्य क्॥द्मद्ध"क शरुह्ह्नक्द्मह्यड्ड स्रह्य द्धह्वद्गर्द्मं.द्म स्रद्ध म्द्मद्गह्द्म द्यह्य क्द्मह्यह्&द्बभ्द्मह्यह् द्दद्मह्यह्द्म द्दस््न द्यह्न[द्म स्रद्ध द्बद्धद्भद्धरुस्नद्मद्धह्॥द्मद्ध ह्लद्मफ्क्वह् क्शरुस्नद्मद्म स्रद्ध ह्द्दद्भ क्ह्वह्न॥द्मख्ह् द्दद्मह्यह्द्ध द्दस््न द्धह्लद्य द्बभ्स्रद्मद्भ ह्लद्मफ्क्वह् क्शरुस्नद्मद्म स्रद्ध ह्द्भद्द क्ह्वह्न॥द्मख्ह् द्दद्मह्यह्द्ध द्दस््न द्धह्लद्य द्बभ्स्रद्मद्भ ह्लद्मफ्क्वह् क्शरुस्नद्मद्म द्गह्यड्ड ह्लद्धश स्रह्य द्यड्डरुस्रद्मद्भ द्वद्यह्य क्द्मद्धक्रद्गस्र द्बभ्द्यह्वह्द्म द्बभ्ठ्ठद्मह्व स्रद्भह्ह्य द्दस्ड्ड द्वद्यद्ध द्बभ्स्रद्मद्भ द्बद्धश= द्गह्व द्गह्यड्ड क्द्मह्वह्य शद्मब्ह्य द्यद्बह्वह्य॥द्मद्ध॥द्मद्धश"; स्रद्ध द्यश्व॥द्मद्मशह्वद्मक्द्मह्यड्ड स्रद्ध क्द्मद्भह्य द्यड्डस्रह्यह् स्रद्भह्ह्य द्दस्ड्ड्न;द्द द्गद्म;ह्द्म॥द्मद्ध द्यक्र; द्दस् द्धस्र रुशढ्ढह्व द्गह्यड्ड क्ह्द्धद्धठ्ठभ्; द्गह्व,ह्यद्यद्ध ह्द्भड्डफ्द्मद्मह्यड्ड स्रद्मह्य॥द्मद्ध द्बस्ररु ब्ह्यह्द्म द्दस् ह्लद्मह्य द्धस्रद्यद्ध रुस्नद्मद्मह्व द्बद्भ?द्मंकद्ध?द्मंकह्वद्मक्द्मह्यड्ड स्रह्य स्रद्मद्भ.द्म द्यख्म्द्ग ह्लफ्ह् द्गह्यड्ड द्वक्रद्बह्व द्दद्मह्यह्द्ध द्भद्दह्द्ध द्दस्ड्ड क्स्नद्मशद्म द्धह्वस्रंक॥द्मद्धश"; द्गह्यड्ड द्दद्मह्यह्वह्य शद्मब्द्ध द्दस््न
रुशढ्ढह्वद्मह्यड्ड स्रद्ध द्यक्र;ह्द्म स्रह्य द्यड्डष्ड्ड/द्म द्गह्यड्ड क्ह्वह्यस्रद्मह्यड्ड क्शह्य"द्मस्रद्मह्यड्ड स्रह्य द्ध॥द्मह्व&द्ध॥द्मह्व द्गह् द्दस् द्धस्रह्ह्न॥द्मद्मद्भह्द्ध; ठ्ठ'र्द्मंह्व स्रह्य क्ह्वह्नद्यद्मद्भ ट्टट्टक्द्मक्रद्गद्म द्दद्ध रुशढ्ढह्वद्मशरुस्नद्मद्म द्गह्यड्ड ड्ढद्य ब्द्मह्यस्र क्द्मस्द्भ द्बद्भब्द्मह्यस्र स्रह्य द्यद्ध/द्म रुस्नद्मद्मह्व द्बद्भ ह्लद्मस्रद्भ ह्लद्मह्य स्रह्नहृ क्ह्वह्न॥द्मश स्रद्भह्द्ध द्दस् शद्दद्ध रुशढ्ढह्व द्दस्** द्धह्लद्य द्बभ्स्रद्मद्भ ठ्ठद्मह्य स्रद्गद्भद्मह्यड्ड स्रह्य ष्द्धश्च ठ्ठद्भशद्मद्मह्लह्य द्बद्भ [द्मरुद्म द्गह्वह्न"; ड्ढद्य स्रद्गद्भह्य स्रद्मह्य॥द्मद्ध ठ्ठह्य[द्म द्यस्रह्द्म द्दस् क्द्मस्द्भ ठ्ठख्द्यद्भह्य स्रद्गद्भह्य स्रद्ध शरुह्ह्न,॥द्मद्ध क्चद्धस्र द्वद्यद्ध द्बभ्स्रद्मद्भ रुद्बढ्ढह्व द्गह्यड्ड ह्लद्धश&श्चह्यह्ह्वद्म ठ्ठक्व'; ह्लफ्ह् द्यह्य द्यड्डष्ड्डद्ध/द्मह् स्रंघद्बह्वद्म द्धश्च=द्मह्यड्ड स्रद्मह्य॥द्मद्ध ठ्ठह्य[द्मह्द्ध द्दस् क्द्मस्द्भ॥द्मख्ह्॥द्मद्धश";' स्रद्ध द्वद्य क्द्यद्धद्ग फ्द्दद्भद्ध द्बह्द्मह्यड्ड द्गह्यड्ड॥द्मद्ध >द्मड्डस्र द्यस्रह्द्ध द्दस्] द्धह्लद्यद्गह्यड्ड क्ह्वह्यस्रद्मह्वह्यस्र?द्मद्धंकह्&?द्मद्धंकह्?द्मंकह्वद्मक्द्मह्यड्ड स्रद्म द्धशशद्भ.द्म द्यद्धह्वद्धद्दह् द्दद्मह्यह्द्म द्दस््न
द्धद्यक्चद्मद्गड्डरु क्तभ्द्म;रु ह्वह्य ठ्ठद्धद्गह् द्गह्वद्म॥द्मद्मशद्मह्यड्ड स्रद्मह्य रुशद्बह्व स्रद्म स्रद्मद्भ.द्म ष्ह्द्म;द्म द्दस््न ह्लष्द्धस्र स्रद्मंघर्द्मंफ्ह्नह्ल स्रद्म स्रद्दह्वद्म द्दस् द्धस्र द्गद्म= ठ्ठद्धद्गह् द्गह्वद्मह्य॥द्मद्मशह्वद्म,ड्डँ द्दद्ध द्यद्बह्वद्मह्यड्ड स्रह्य द्धब्, द्धह्लश्वद्गह्यठ्ठद्मद्भ ह्वद्दद्धड्ड द्दस्] शद्भह्व− ष्भ्द्द−द्गद्म.रु द्गह्यड्ड द्बभ्शद्मद्धद्धद्दह् द्बद्भद्मश्चह्यह्ह्वद्म क्द्मस्द्भ द्गह्वह्न"; स्रद्ध क्ह्वह्न॥द्मख्द्धह्;द्मड्डँ॥द्मद्ध रुशढ्ढह्वद्मह्यड्ड स्रद्म स्रद्मद्भ.द्म द्दस््न द्वह्वस्रद्म क्द्ध॥द्मद्बभ्द्मद्म;; द्दस् द्धस्र ह्र;द्धष्ठह् स्रह्य श्चह्यह्ह्वद्म द्यद्गद्ध"क श्चह्यह्ह्वद्म स्रह्य द्यद्मस्नद्म द्धद्गब्स्रद्भ ह्लद्मह्य क्ह्वह्न॥द्मश स्रद्भह्द्ध द्दस्] द्वद्यस्रद्म द्दद्ध द्बद्धद्भश्च; रुशढ्ढह्व द्गह्यड्ड द्धद्गब्ह्द्म द्दस््न स्रद्मब्ह्लह्नड्डफ् ह्वह्य क्द्बह्वद्ध द्बह्नरुह्स्र ट्टट्टद्गह्यद्गद्मह्यद्भद्धह्ल क्द्मक्त रुऊद्धद्ग द्धद्भक्तब्ह्यष्ठ'द्मद्यट्टट्ट द्गह्यड्ड द्धब्[द्मद्म द्दस् द्धस्र श्चह्यह्ह्वद्म&द्गह्व द्यह्य क्द्ध/द्मस्र क्द्यद्धद्ग क्फ्द्मद्म/द्म य़द्मह्व&॥द्म.रुद्मद्भ क्शश्चह्यह्ह्व स्रह्य क्ह्द्भद्मब् द्गह्यड्ड द्यद्गद्म;द्म द्बरुद्म द्दस््न शद्द 'द्मद्म'शह् श्चह्यह्ह्वद्म द्यह्य द्यड्डष्ड्डद्ध/द्मह् द्दद्मह्यह्वह्य स्रह्य स्रद्मद्भ.द्म क्ह्वह्द्मस्रद्म'द्म द्गह्यड्ड द्बभ्शशद्धद्दह् द्यड्डस्रह्यह्द्मह्यड्ड] स्रश्वद्बह्वद्मह्यड्ड स्रद्मह्य द्बस्ररुह्द्म क्द्मस्द्भ ह्लद्मह्वस्रद्मद्धद्भ;द्मड्डँ द्यड्डफ्भ्द्दद्धह् स्रद्भह्द्म द्भद्दह्द्म द्दस््न
द्बह्यस्क स्रद्म क्द्बश्च] द्धद्यद्भ स्रद्म॥द्मद्मद्भद्धद्बह्व] द्गद्मह्वद्धद्यस्र ह्ह्वद्मश] द्धश्चह्द्म] द्भद्मह्यफ्] त्त्ह्य"द्म]॥द्मद्मशद्मह्यत्त्ह्यफ् ह्लस्द्यद्ध 'द्मद्मद्भद्धद्धद्भस्र&द्गद्मह्वद्धद्यस्र क्रुह् ह्र;शरुस्नद्मद्मह्द्म,ड्डँ रुशढ्ढह्वद्मह्यड्ड स्रद्म स्रद्मद्भ.द्म द्दद्मह्यह्द्ध द्दस््न क्ह्क्वढ्ढह् क्स्रद्मड्डम्द्मद्म,ड्डँ॥द्मद्ध द्धश्च=&द्धशद्धश्च= द्यद्बह्वद्मह्यड्ड स्रद्म स्रद्मद्भ.द्म द्दद्मह्य द्यस्रह्द्ध द्दस््न द्धस्रह्ह्न,ह्यद्यह्य रुशढ्ढह्व द्यद्मद्गद्म; रुह्द्भ स्रह्य द्दद्मह्यह्ह्य द्दस््न द्गद्मह्यंकद्ध ठ्ठक्वद्ध"क द्यह्य ड्ढद्दह्यड्ड द्गद्दक्रशद्दद्धह्व द्दद्ध स्रद्दद्म ह्लद्मह्द्म द्दस््न;द्मह्यड्ड द्धश'ब्ह्य";द्म.द्म स्रद्भह्वह्य द्बद्भ द्वह्वस्रह्य द्यद्दद्मद्भह्य द्गह्वत्नद्धरुस्नद्मद्धह् स्रद्म द्धह्वठ्ठद्मह्व द्धह्व:द्ब.द्म द्वह्ह्वद्म द्दद्ध द्धस्र;द्म ह्लद्म द्यस्रह्द्म द्दस्] द्धह्लह्ह्वद्म द्धस्र 'द्मद्मद्भद्धद्धस्र द्भद्मह्यफ् द्धह्वठ्ठद्मह्व द्गह्यड्ड द्गख्ब्] द्गख्=] द्भष्ठह्],ष्ठद्यद्भह्य क्द्मद्धठ्ठ स्रद्ध ह्लद्मड्डश्च स्रह्यद्भस्रह्य ष्द्धद्गद्मद्भद्ध स्रद्म रुश:द्ब क्द्मस्द्भ स्रद्मद्भ.द्म ह्लद्मह्वद्म ह्लद्मह्द्म द्दस््न द्धस्रह्ह्न द्यद्म/द्मह्व द्गह्वत्नद्धरुद्धद्मह् द्गह्यड्ड क्द्मह्वह्य शद्मब्ह्य द्यद्बह्वह्य स्रह्नहृ द्धश'द्मद्ध"कह्द्म द्धब्, द्दद्मह्यह्ह्य द्दस् क्द्मस्द्भ द्वद्ब;द्मह्यफ्द्ध द्यड्डस्रह्यह् द्धहृद्बद्मद्य, द्भद्दह्ह्य द्दस्ड्ड्न
रुशढ्ढह्व शरुह्ह्नह्त्न क्ह्द्धद्धठ्ठभ्; द्गह्व स्रद्ध] क्शश्चह्यह्ह्व स्रद्ध द्यद्मड्डस्रह्यद्धह्स्र॥द्मद्म"द्मद्म द्दस््न शह्य क्ह्वष्ख्> द्बद्दह्यद्धब्;द्मह्यड्ड स्रद्ध ह्द्भद्द द्धठ्ठ[द्मद्मर्ड्ढं ठ्ठह्यह्ह्य द्दस््न ह्र;शद्मद्दद्मद्धद्भस्र ह्लद्धशह्व स्रद्ध क्ह्वह्न॥द्मख्द्धह्;द्मड्डँ क्श्चह्यह्ह्व द्गह्व स्रह्य क्ह्द्भद्मब् द्गह्यड्ड द्यह्न"द्मह्नढ्ढह् द्बरुद्ध द्भद्दह्द्ध द्दह्य] शह्य द्दद्ध द्यद्बह्वद्मह्यड्ड द्गह्यड्ड द्बद्धद्भब्द्धम्द्मह् द्दद्मह्यह्द्ध द्दस््न;द्धठ्ठ द्गह्व स्रद्मह्य द्यद्म/द्म द्धब्;द्म ह्लद्म;] ह्ष् क्शश्चह्यह्ह्व द्गह्व स्रह्य द्वद्ब;द्मह्यफ्द्ध द्यड्डस्रह्यह् रुशढ्ढह्वद्मह्यड्ड स्रह्य द्गद्म/;द्ग द्यह्य द्धद्गब्ह्वद्म द्यड्ड॥द्मश द्दस््न स्रद्मब्ह्लह्नड्डफ् ह्वह्य,स्र द्धद्य)द्मह् द्बभ्द्धह्द्बद्मद्धठ्ठह् द्धस्र;द्म द्दस् & ट्टट्ट;ख्ह्वद्धशर्द्यंब् द्बह्यंकर्ह्वं क्द्मक्त स्रब्ह्यद्धष्ठंकश क्ह्वस्रद्म'द्मद्यट्टट्ट ड्ढद्यद्गह्यड्ड रुशढ्ढह्वद्मह्यड्ड स्रद्ध ह्र;द्म[;द्म द्धशश्चह्यह्वद्म स्रद्भह्ह्य द्दह्न, शह्य स्रद्दह्ह्य द्दस् द्धस्र ड्ढक्कहृद्मह्वह्नद्यद्मद्भ रुशढ्ढह्व ठ्ठह्य[द्म द्यस्रह्वद्म ह्द्मह्य ष्द्य स्रद्ध ष्द्मह् द्दस् ह्वद्दद्धड्ड] द्धस्रह्ह्न ष्द्मद्भद्धस्रद्ध द्यह्य रुद्बढ्ढह्व द्यड्डस्रह्यह्द्मह्यड्ड स्रद्मह्य द्यद्ग>ह्वह्य स्रद्ध स्रब्द्म द्धशस्रद्धद्यह् स्रद्ध ह्लद्म द्यस्रह्य ह्द्मह्य क्ह्वह्यस्रद्मह्यड्ड ब्द्म॥द्म ब्द्मस्द्धस्रस्र ह्लद्धशह्व द्गह्यड्ड द्धद्गब् द्यस्रह्ह्य द्दस्ड्ड्न
रुशढ्ढह्वद्मह्यड्ड स्रद्ध द्यद्मस्नर्द्मंस्रह्द्म क्द्मस्द्भ द्बख्शर्द्मं॥द्मद्मद्य स्रद्ध म्द्मद्गह्द्म द्बद्भ द्बभ्द्धद्य) द्धशय़द्मह्वशह्यह्द्म रुद्म0 ह्लह्य0ष्द्ध0 द्भद्मड्ढह्व ह्स्नद्मद्म छ्वद्धद्गह्द्ध द्भद्मड्ढह्व ह्वह्य द्धद्गब्द्भ श"द्मर्द्मंह्यड्ड क्शह्य"द्म.द्म द्धस्र;द्म द्दस््न द्वह्वस्रह्य द्धशश्चद्मद्भ ष्द्ध0ष्द्ध0 रुक्तख्द्धह् द्गद्दद्यख्द्य द्दद्मह्यह्द्ध द्दस्] शद्दद्ध द्गह्व द्गह्यड्ड द्वक्रद्यद्मद्द क्द्मस्द्भ द्वंघब्द्मद्य द्वद्गरुह्द्म द्भद्दह्द्म द्दस््न द्ब द्गद्दद्मक्रद्गद्म फ्द्मड्डँ/द्मद्ध ह्वह्य क्द्मक्रद्ग&'द्मद्मह्य/द्मह्व,शड्ड क्द्म/;द्मद्धक्रद्गस्र 'द्मद्धष्ठह् द्यश्वद्बद्मठ्ठह्व द्दह्यह्ह्न द्वद्बशद्मद्भ स्रद्मह्य,स्र द्गद्दक्रशद्बख्.र्द्मं द्वद्बस्रद्भ.द्म ष्ह्द्म;द्म स्नद्मद्म क्द्मस्द्भ द्यद्ग;&द्यद्ग; द्बद्भ शह्य ड्ढद्यस्रद्म ब्द्म॥द्म॥द्मद्ध द्वक्चद्मह्ह्य द्भद्दह्ह्य स्नद्मह्य्न द्यद्मद्गद्म; ह्र;द्धष्ठह्॥द्मद्ध द्यह्नद्धश/द्मद्मह्वह्नद्यद्मद्भ द्यद्मढ्ढह्द्मद्धद्दस्र] द्बद्मद्धम्द्मस्र;द्म द्गद्मद्धद्यस्र द्वद्बशद्मद्य स्रद्भह्द्म द्भद्दस्रद्भ 'द्मद्भद्धद्भ श द्गह्व 'द्मद्मह्य/द्मह्व स्रद्म द्व॥द्म;&द्बम्द्मद्ध; ब्द्म॥द्म द्दरुह्फ्ह् स्रद्भ द्यस्रह्द्म द्दस््न श"र्द्मं द्गह्यड्ड ठ्ठद्मह्य ष्द्मद्भ ह्वशद्भद्मद्ध= द्वद्बशद्मद्य स्रद्भ ब्ह्यह्वह्य,शड्ड क्द्मद्दद्मद्भ&द्धशद्दद्मद्भ स्रद्म द्यड्डह्ह्नब्ह्व द्धष्क्चद्म;ह्य द्भ[द्मह्वह्य द्यह्य द्दद्भ ह्र;द्धष्ठह् क्द्बह्वह्य 'द्मद्भद्धद्भ श द्गह्व स्रद्मह्य रुशरुस्नद्म द्धह्वद्भद्मह्यफ् ष्ह्वद्म;ह्य द्भद्द द्यस्रह्द्म द्दस््न स्रह्नहृ ब्द्मह्यफ्द्मह्यड्ड स्रद्ध द्गद्म;ह्द्म द्दस् द्धस्र,स्र द्धठ्ठह्व॥द्मद्मह्यह्लह्व ह्वद्दद्धड्ड स्रद्भड्डफ्ह्यड्ड ह्द्मह्य स्रद्गह्लद्मह्यद्भ द्दद्मह्य ह्लद्म;ह्यड्डफ्ह्यड्ड] द्बद्भ ह्रद्मरुह्ह्नह्त्न,ह्यद्यद्ध ष्द्मह् ह्वद्दद्धड्ड द्दस््न 'द्मद्भद्धद्भ द्गह्यड्ड ह्लद्मह्य द्धशह्लद्मह्द्ध; ठ्ठभ्ह्र; द्भद्दह्ह्य द्दस््न] द्वद्बशद्मद्य स्रह्य ठ्ठद्मस्द्भद्मह्व द्वह्वस्रद्म द्धह्व"स्रद्मद्यह्व द्दद्मह्यह्वह्य ब्फ्ह्द्म द्दस् ह्लद्धशह्वद्ध 'द्मद्धष्ठह् ड्ढद्यद्ध द्धठ्ठ'द्मद्म द्गह्यड्ड द्वह्व द्धठ्ठह्वद्मह्यड्ड ह्र;; द्दद्मह्यह्वह्य ब्फ्ह्द्ध द्दह्य क्तब्ह्त्न क्द्मद्भश्व॥द्म द्गह्यड्ड स्रह्नहृ स्रद्गह्लद्मह्यद्भद्ध ब्फ्ह्वद्म रुशद्म॥द्मद्मद्धशस्र द्दस्] द्गफ्द्भ;द्द द्धरुस्नद्मद्धह् क्द्ध/द्मस्र द्धठ्ठह्व ह्स्र ह्वद्दद्धड्ड ष्ह्वद्ध द्भद्दह्द्ध द्दस््न ह्लंघठ्ठ द्दद्ध 'द्मद्भद्धद्भ क्द्बह्वह्य रुशद्म॥द्मद्मद्धशस्र यद्ग द्गह्यड्ड क्द्म ह्लद्मह्द्म द्दस््न ड्ढद्य द्ग/; स्रद्म;द्म द्गह्यड्ड स्रह्नहृ म्द्मद्ध.द्मह्द्म क्श'; क्द्म ह्लद्मह्द्ध द्दस् द्धस्रह्ह्न रुस्नद्मख्ब्ह्द्म?द्मंकह्वह्य स्रह्य द्यद्मस्नद्म&द्यद्मस्नद्म द्यख्म्द्ग 'द्मद्धष्ठह्;द्मह्यड्ड स्रद्म॥द्मद्ध द्बभ्द्मठ्ठख्॥द्मर्द्मंश द्दद्मह्यह्द्म द्दस््न द्गह्न[द्मद्ग.रुब् द्गह्यड्ड क्द्मह्यह्लह्द्य&ह्ह्यह्लद्य ष्< ह्लद्मह्ह्य द्दस््न द्भद्मह्यफ्द्ध स्रद्म ठ्ठह्नष्ब् 'द्मद्भद्धद्भ स्नद्मस्रद्म&स्नद्मस्रद्म द्यद्म द्गब्द्धह्व क्द्मस्द्भ द्धह्वरुह्ह्यह्ल द्धठ्ठ[द्मद्मर्ड्ढं द्बरुह्द्म द्दस््न ह्लष्द्धस्र द्यद्म/द्मद्भ स्रह्य 'द्मद्भद्धद्भ क्द्मस्द्भ श्चह्यद्दद्भह्य द्बद्भ श्चद्गस्र द्दद्मह्यह्द्ध द्दस््न द्वद्यस्रद्म [द्मद्मब्द्ध द्बह्यंक द्भद्दह्वद्म द्वठ्ठ−ठ्ठह्य';द्बख्.र्द्मं द्दद्मह्यह्द्म द्दस््न द्वद्यस्रह्य द्यद्मस्नद्म द्वद्यस्रद्म द्यड्डस्रंघद्ब ष्ब् क्द्मस्द्भ ब्म्; ह्लह्नरुद्म द्दद्मह्यह्द्म द्दस् क्ह्त्न द्दद्मस्नद्मद्मह्यड्ड&द्दद्मस्नद्म द्वद्यस्रद्म द्यक्रद्बद्धद्भ.द्मद्मद्ग॥द्मद्ध क्द्मह्यह्लद्य&ह्ह्यह्लद्य&शर्श्चंद्य द्गह्यड्ड क्द्ध॥द्मशक्वद्ध) स्रह्य :द्ब द्गह्यड्ड द्धद्गब्द्म द्दस्] ह्लष्द्धस्र द्गद्भद्धह्ल स्रद्ध द्धह्वद्भद्मद्दद्मद्भ द्धरुस्नद्मद्धह् द्गह्लष्ख्द्भद्ध श'द्म द्दद्मह्यह्द्ध द्दस््न द्वद्यस्रह्य द्गह्व द्गह्यड्ड ड्ढद्यस्रह्य द्बभ्द्धह् ह्व द्यड्डस्रंघद्ब द्दद्मह्यह्द्म द्दस् ह्व द्वद्गड्डफ्&द्वक्रद्यद्मद्द द्धह्लद्यद्यह्य ड्ढद्य ठ्ठद्मस्द्भद्मह्व द्वद्यस्रद्ध 'द्मद्मद्भद्धद्धस्र म्द्मद्गह्द्म?द्मंकह्द्ध द्बभ्ह्द्धह् द्दद्मह्यह्द्ध द्दस््न द्धह्व:ठ्ठ−ठ्ठह्य'; क्स्नद्मशद्म क्॥द्मद्मशश'द्म॥द्मख्[द्मह्य द्भद्दह्वह्य शद्मब्ह्य द्वद्बशद्मद्य स्रह्य क्द्म/;द्मद्धक्रद्गस्र ब्द्म॥द्म द्यह्य द्यठ्ठद्म शड्डद्धश्चह् द्भद्द ह्लद्मह्ह्य द्दस्ड्ड्न क्रुक्रद्मह्न द्धह्लद्दह्यड्ड ड्ढद्यद्यह्य ब्द्म॥द्म ब्ह्यह्वद्म द्दद्मह्य] द्वद्दह्यड्ड द्वद्बशद्मद्य स्रह्य द्यद्मस्नद्म द्दद्ध क्द्बह्वह्य द्यड्डस्रंघद्ब स्रद्मह्य॥द्मद्ध ह्लद्मह्यरु+ह्वद्म श्चद्मद्धद्द, क्द्मस्द्भ ष्भ्द्द−द्गद्म.रु द्गह्यड्ड द्यड्डह्र;द्मढ्ढह् द्बभ्द्म.द्म स्रद्ध क्द्ध/द्मस्रद्मद्ध/द्मस्र द्गद्म=द्म क्द्मस्रद्ध"द्मह् स्रद्भह्वह्य स्रद्म द्बभ्;द्मद्य स्रद्भह्वद्म श्चद्मद्धद्द,्न द्वद्बशद्मद्य ह्॥द्मद्ध द्यक्तब् क्द्मस्द्भ द्यक्रद्बद्धद्भ.द्मद्मद्गठ्ठद्म;स्र द्दद्मह्यह्द्म द्दस््न