
जन्मजात अर्जित अतीन्द्रिय सामर्थ्य
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अमेरिका के लासएंजेल्स नगर में एक सामान्य व्यक्ति रहते हैं- रॉज। वे कोई योगी महात्मा नहीं हैं, साधारण गृहस्थ हैं। उन्होंने अतींद्रिय क्षमता प्राप्त करने के लिए कोई योगाभ्यास भी नहीं किया है। परन्तु अनायास ही उनके भीतर से ऐसी क्षमताएँ उद्भूत हुई हैं जिसके आधार पर वे गड़ी हुई वस्तु का विवरण बता देते हैं। यह बताये हुए विवरण इतने सही होते हैं कि जिनका खनिज व्यवसाय से सम्बन्ध हे, वे उनकी सेवाओं का भरपूर लाभ उठाते हैं।
अपने गुजारे के लिये वे किसी दान-दक्षिणा, इनाम उपहार पर भी निर्भर नहीं रहते। वरन् फीस के रूप में 50 डॉलर की फीस वसूल कर लेते हैं ताकि अवाँछनीय तत्व उनकी घेरा बन्दी कर एकाग्रता न भंग कर दें। इतना होते हुए भी प्रश्नकर्ताओं की इतनी भीड़ रहती है कि उत्तर प्राप्त करने के लिए कई-कई महीनों की प्रतीक्षा करनी पड़ती है। आमतौर से प्रश्नकर्ताओं में जमीन में कहाँ पानी का स्रोत है, कहाँ नहीं है, यह पूछने वाले ही अधिक होते हैं। उनके बताये हुए उत्तरों में 85 प्रतिशत सही निकलते हैं।
एक बार एक विचित्र घटना हुई। एक व्यक्ति के यहाँ चोरी हो गयी। चोरी में कीमती हीरे थे। कुछ अता-पता नहीं चल पा रहा था। पूछताछ के लिये वे लोग रॉजबार्मेई के पास गए। उन्होंने उत्तर देने के लिए 3 दिन माँगे। इसके बाद उन्होंने वे हीरे जमीन में जहाँ गढ़े थे, उस स्थान को बता दिया। इतना ही नहीं, जिन लोगों ने चोरी की थी, उन्हें पुलिस द्वारा पकड़वा दिया। ऐसे कार्य वे कई बार करके पुलिस की प्रशस्ति पा चुके हैं।
एक तेल खोदने वाली कम्पनी ने उनकी सहायता ली और पूछा कि इस इलाके में तेल कहाँ मिल सकता है? उनने अपनी अतीन्द्रिय क्षमता के सहारे वह स्थान बताया जहाँ अभीष्ट मात्रा में तेल निकलने की आशा थी। वहीं खुदाई की गयी। इस स्थान से न केवल बड़ी मात्रा में तेल मिला वरन् सोना, यूरेनियम आदि कीमती धातुओं का भण्डार भी मिला। यह करोड़ों की संपत्ति थी। इस पर कम्पनी ने कुछ अतिरिक्त उपहार उन्हें देना चाहा। उसे लेने से उनने स्पष्ट इन्कार कर दिया और कहा- निर्धारित फीस लेने के उपरान्त मेरा इनाम लेने का कोई हक नहीं रह जाता।
बार्मेई अपनी इस विशेषता को जन्मजात बताते हैं। इसके लिए उन्हें कोई विशेष प्रयत्न नहीं करना पड़ा। उनकी माँ खेल-खेल में ही यह पूछती रहती थी कि बता मेरी मुट्ठी में क्या है? उत्तर अस्सी प्रतिशत सही निकलते थे। कुछ दिन ऐसे ही खेल-खेल चलता रहा। पीछे उनकी माँ को विश्वास हो गया कि मेरा लड़का किसी कारण अतीन्द्रिय क्षमता सम्पन्न है। परिवारजनों ने उसका व्यावसायिक प्रयोग आरम्भ कर दिया। इसका ईमानदारी से उपयोग करने पर सभी ने राजी-खुशी से निर्धारित फीस देकर भूगर्भ की छिपी जानकारियाँ लेना जारी रखा।
एक दिन एक व्यक्ति ने पूछा कि वह चाँदी की खदान के लिए जहाँ खुदाई चला रहा है वहाँ चलाये या नहीं। इसके उत्तर में वे उसे एक दूर स्थित जगह पर ले गए और कहाँ आप वहाँ नहीं, यहाँ खोदें। कथन सही निकला और नई जगह पर अनुमान से अधिक चाँदी निकली।
बढ़ती हुई ख्याति को सुनकर खदान खोदने की मशीनों में कहीं खराबी हो जाती तो वे लोग भी पहुँचते। अतीन्द्रिय क्षमता के आधार पर वे यह भी बता देते कि मशीन का कौन-सा पुर्जा खराब हो गया है और क्या करने पर वह ठीक हो सकता है?
बार्मेई अपने को सदा एक साधारण व्यक्ति बताते रहे और बिना अनुचित लाभ उठाये अपनी अतीन्द्रिय क्षमता का लाभ सबको देते रहे। वे कहते थे- यह जन्मजात, बिना किसी प्रयत्न के प्राप्त निधि है, इसका उपयोग सभी के लिये सामान्य रूप से होना चाहिए।