देव संस्कृति विश्वविद्यालय प्रति कुलपति आद. डॉ. चिन्मय पंड्या जी विदेश प्रवास के क्रम में ब्रिटेन पहुंचे।

देव संस्कृति विश्वविद्यालय प्रति कुलपति आद. डॉ. चिन्मय पंड्या जी विदेश प्रवास के क्रम में ब्रिटेन पहुंचे। आयुर्वेद की दुर्लभ विधा के पुनर्जागरण एवं प्रतिष्ठापना के लिए प्रयासरत देव संस्कृति विश्वविद्यालय में वैज्ञानिक रीति से संभावित शोध को आरंभ करने के संबंध में आद. डॉ. पंड्या की ब्रिटेन मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिष्ठित डॉ. विल्मोट से विस्तृत चर्चा संपन्न हुई।
Recent Post

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 63): प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
जो...
.jpg)
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 62) प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
&l...

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 61)— प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
चर...

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 60)— प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
गु...
.jpg)
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 59)— प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
गु...
_(1).jpg)
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 58)— प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
उत...

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 57)— प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
सत...
.jpeg)
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 56)— प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
पि...
.jpg)
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 55)— प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
प्...
.jpg)